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MP में युद्ध स्तर पर चलेगा TB मुक्त भारत अभियान : भोपाल सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुंचाएंगे उपचार और जागरूकता

उच्च जोखिम वाली आबादी की होगी स्क्रीनिंग, जांच और इलाज; 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य

भोपाल– भारत सरकार के “टीबी मुक्त भारत” लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सघन टीबी मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ आज भोपाल सहित पूरे मध्य प्रदेश में किया गया। इस अभियान के तहत राज्य के दूरस्थ और संवेदनशील क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाई जाएंगी, जिससे टीबी के उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान, जांच और उपचार सुनिश्चित हो सके।

इससे पूर्व राज्य के 23 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में 100 दिवसीय निक्षय शिविर 7 दिसंबर 2024 से 25 मार्च 2025 तक आयोजित किए गए थे, जिनमें लाखों लोगों की स्क्रीनिंग की गई। अब इस नए चरण में मधुमेह से पीड़ित, कुपोषित, धूम्रपान या शराब सेवन करने वाले, पूर्व टीबी रोगी, संपर्क में आए व्यक्ति तथा एचआईवी संक्रमित लोगों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। मरीजों की जांच के लिए NAAT और एक्स-रे जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

 

टीबी नियंत्रण में मध्य प्रदेश की उपलब्धियाँ

मध्य प्रदेश ने राष्ट्रीय लक्ष्य के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रति वर्ष प्रति लाख जनसंख्या पर 3342 लोगों की अनुमानित टीबी जांच दर हासिल की है, जबकि राष्ट्रीय औसत 3000 है। वर्ष 2024 में निर्धारित 1.90 लक्ष्य के मुकाबले राज्य ने 1.81 मरीजों को चिह्नित कर उन्हें सफलतापूर्वक उपचार प्रदान किया, जिसकी उपचार सफलता दर 87% रही है।

डीबीटी के माध्यम से सहायता और टीबी मुक्त पंचायतों की पहल

सरकार Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से प्रत्येक टीबी मरीज को ₹1000 प्रतिमाह पोषण आहार के लिए प्रदान कर रही है। आदिवासी विकासखंडों में उपचार पूर्ण करने वाले मरीजों को ₹750 की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भी आवश्यक भुगतान सुनिश्चित किया गया है।

अब तक आयोजित शिविरों में 78,14,791 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, 18,710 निक्षय मित्र जोड़े गए, 28,664 फूड बास्केट वितरित की गईं और 30,410 मरीजों को DBT राशि दी गई।

प्रदेश में अब तक 77 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित हो चुकी हैं। “टीबी मुक्त पंचायत” पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ा रही है, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी प्रेरित कर रही है।

 

समुदाय आधारित जागरूकता कार्यक्रम

इस अभियान में *पंचायतों, शहरी निकायों, स्व-सहायता समूहों, जन और महिला आरोग्य समितियों के सहयोग से विविध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नए निक्षय मित्र और टीबी विजेताओं को अभियान में सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा। त्योहारों और मेलों में धार्मिक गुरुओं के माध्यम से संदेश फैलाया जाएगा, और स्कूल-कॉलेजों में रैलियाँ, कला-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

 

विशेष शिविरों का होगा आयोजन

भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने जानकारी दी कि शिविरों का आयोजन *रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, फैक्ट्रियों, ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों व क्रेशरों* पर किया जाएगा ताकि श्रमिक और वंचित वर्गों तक पहुंच बन सके।

इस सघन अभियान से टीबी नियंत्रण की दिशा में मध्य प्रदेश एक अहम भूमिका निभा रहा है और 2030 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को साकार करने की ओर अग्रसर है।

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