सिंगरौली और ग्वालियर PMAY-U में राज्य औसत से बेहद पीछे, फेज-1 की डेडलाइन में सिर्फ 19 दिन शेष
नगरीय प्रशासन विभाग (UAD) के अनुसार PMAY-U के फेज-2 में 50 हजार से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। फेज-1 में प्रदेश ने लगभग 14 लाख मकानों का लक्ष्य रखा था, जिनमें से 9.46 लाख से अधिक घर स्वीकृत हुए।

भोपाल: प्रदेश में पीएम आवास योजना–शहरी (PMAY-U) के बेनेफिशियरी-लेड कंस्ट्रक्शन (BLC) फेज-1 की अंतिम तिथि में अब मात्र 19 दिन बचे हैं, लेकिन सिंगरौली और ग्वालियर जैसे दो बड़े नगर निगम अब भी राज्य औसत से काफी पीछे चल रहे हैं। यह स्थिति तब है जब मध्यप्रदेश समग्र प्रदर्शन में 90% से अधिक सफलता के साथ देश में दूसरे स्थान पर है।
प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में प्रथम चरण के तहत स्वीकृत करीब 7.15 लाख मकानों में से 6.62 लाख से अधिक घर पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 50 हजार से ज्यादा आवास अब भी निर्माणाधीन हैं।
14 नगर निगमों में BLC प्रगति का औसत 94.38% है, जहां 1,09,817 में से 1,03,641 आवास पूर्ण, जबकि 6,176 घर अभी भी विभिन्न चरणों में लंबित हैं।
सिंगरौली और ग्वालियर सबसे कमजोर प्रदर्शनकर्ता
ताज़ा जियो-टैग्ड प्रगति रिपोर्ट के अनुसार सिंगरौली नगर निगम PMAY-U BLC में राज्य का सबसे कमजोर प्रदर्शन कर रहा है।
4,058 स्वीकृत आवासों में से केवल 3,369 घर पूर्ण हुए हैं—यानी केवल 83.02% प्रगति, और करीब 700 घर अधूरे हैं, जो प्रदेश में सबसे अधिक लंबित अनुपात है।
इसके बाद ग्वालियर का स्थान है, जिसने मात्र 86.03% पूर्णता दर्ज की है। यहां 9,289 स्वीकृत घरों में से सिर्फ 8,005 पूरे हो पाए हैं, जबकि 1,280 से अधिक आवास अब भी अपूर्ण हैं—जो बड़े शहरों में सबसे बड़ा बैकलॉग है।
तीसरे स्थान पर खंडवा है, जहां 91.52% प्रगति के साथ 5,683 में से 5,201 घर पूर्ण किए गए हैं।
कई बड़े नगर निगम भी 100% लक्ष्य से दूर
उच्च प्रगति के बावजूद कई नगर निगम अब भी पूर्णता से पीछे हैं—
- बुरहानपुर (94.19%)
- जबलपुर (94.45%) – जहां 719 घर अधूरे
- सागर (94.54%)
वहीं, बेहतर प्रदर्शन करने वाले नगर निगमों में उज्जैन (95.79%), छिंदवाड़ा (95.65%), रीवा (95.83%), कटनी (95.26%) और सतना (96.68%) शामिल हैं, जो लगभग पूर्णता के करीब हैं।
राज्य का समग्र प्रगति और फेज-2 की तैयारी
नगरीय प्रशासन विभाग (UAD) के अनुसार PMAY-U के फेज-2 में 50 हजार से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। फेज-1 में प्रदेश ने लगभग 14 लाख मकानों का लक्ष्य रखा था, जिनमें से 9.46 लाख से अधिक घर स्वीकृत हुए।
दरअसल अधिकारियों का कहना हैं कि भोपाल और इंदौर को BLC आवास स्वीकृत नहीं किए गए थे, क्योंकि उन्हें AHP वर्टिकल के तहत आवास प्रदान किए गए हैं।
जैसे-जैसे फेज-1 की डेडलाइन नज़दीक आ रही है, सिंगरौली और ग्वालियर जैसे पिछड़े नगर निगमों की धीमी प्रगति प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है।



