ISI की साजिश का अलर्ट, शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा बढ़ी
गृह मंत्रालय के पत्र के एक माह बाद राज्य सरकार ने उठाए सख्त कदम

भोपाल/दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े संभावित खतरे के इनपुट मिलने के बाद यह फैसला लिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने करीब एक माह पहले राज्य सरकार को पत्र लिखकर चौहान की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
सूत्रों के अनुसार, 11 नवंबर 2025 को गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर बताया था कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि ISI, शिवराज सिंह चौहान से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है। पत्र में किसी भी अप्रिय घटना से पहले सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया गया था।
हालांकि, निर्देश मिलने के बावजूद राज्य पुलिस ने कार्रवाई में देरी की। अब चौहान की पहले से मौजूद Z-प्लस सुरक्षा के साथ अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। भोपाल स्थित उनके सरकारी आवास (बी-74) के बाहर और बंगले के मुख्य गेट पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय के पत्र के लगभग एक महीने बाद जाकर सुरक्षा संबंधी ठोस कदम उठाए गए, जिस पर प्रशासनिक सुस्ती को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।

क्यों बढ़ा खतरा?
सूत्रों के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान को दो प्रमुख कारणों से ISI की ओर से खतरा बताया गया है। पहला, उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भोपाल सेंट्रल जेल से भागने की कोशिश कर रहे सिमी आतंकियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था, जिसके बाद उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। दूसरा कारण यह है कि ISI मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख नेताओं के बारे में जानकारियां जुटा रही थी, जिसमें शिवराज सिंह चौहान का नाम भी शामिल बताया गया।
बैरिकेड्स से उठा सियासी सवाल
चौहान के आवास के बाहर बैरिकेड्स लगाए जाने से कुछ समय के लिए राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई। कयास लगाए जाने लगे कि उन्हें केंद्र में कोई अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है। हालांकि, जल्द ही स्पष्ट हो गया कि सुरक्षा बढ़ाने का कारण ISI से जुड़ा संभावित खतरा है, न कि कोई राजनीतिक फेरबदल।
फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और चौहान की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।



