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Australian वीर की कहानी: बॉन्डी बीच गोलीबारी में बिना अनुभव के फल बेचने वाले ने शूटर को हराया

12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं लेकिन फल बेचने वाले अहमद अल अहमद को ‘हीरो’ का खिताब

Sydney (Australia): रविवार, 14 दिसंबर, 2025 की शाम को सिडनी के प्रसिद्ध बॉन्डी बीच पर एक भीषण गोलीबारी में भीड़ के बीच अचानक दो शूटरों ने गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं, जिससे हनुक्का उत्सव में शामिल लोग डर के मारे भागने लगे। इसी घटना के दौरान एक आम फल बेचने वाले अहमद अल अहमद ने शूटर में हिम्मत दिखाकर उसका राइफल छीन लिया — और इस बहादुरी भरे कदम की वजह से कई लोग बच गए।

43 वर्षीय अहमद जो सिडनी के सथरलैंड इलाके में फल की दुकान चलाते हैं और दो बच्चों के पिता हैं, घटना के समय मेलबर्न से बॉन्डी बीच की ओर जा रहे थे। अचानक फायरिंग शुरू होते ही उन्होंने पीछे से हमला करते हुए एक शूटर को पकड़ा और उसका हथियार अपने नियंत्रण में ले लिया। संघर्ष के दौरान उन्हें दो बार गोली भी लगी, लेकिन उन्होंने राइफल को सुरक्षित रूप से कब्जे में ले लिया और आख़िरकार शूटर को कमजोर कर दिया।

वीडियो फुटेज में दिखा कि अहमद ने गोलीबाज से हथियार छीनने के लिए कैसे पीछे से हमला किया, उसे हेडलॉक में लिया और फिर राइफल को नीचे गिरा दिया। यह दृश्य न्यू साउथ वेल्स के मुख्यमंत्री क्रिस मिन्स ने “सबसे अविश्वसनीय दृश्यों में से एक” बताया और अहमद की बहादुरी की जमकर तारीफ की।

हत्या और जांच की स्थिति

पुलिस के मुताबिक इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं। एक शूटर को पुलिस ने मार गिराया और दूसरे को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल से एक संदिग्ध बम भी बरामद किया गया, जिससे जांच की गंभीरता और बढ़ गई है। पुलिस ने इलाके को सील कर रखा है और जनता से दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया है।

कैसे शुरू हुई गोलीबारी?

घटना शाम लगभग 6:45 बजे हुई जब बॉन्डी बीच स्थित चनूकाह बाई द सी कार्यक्रम के दौरान दो शूटरों ने भीड़ पर गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं। फुटेज में दो पुरुषों को काली पोशाक में एक पुल पर खड़े होकर फायरिंग करते देखा गया। यह कार्यक्रम यहूदी समुदाय द्वारा हनुक्का (Chanukah) के पहले दिन आयोजित किया जा रहा था।

अहमद की हालत और प्रतिक्रिया

अपने साहसिक कदम के बाद अहमद का अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थानिक मीडिया और अधिकारियों ने उन्हें ‘हीरो’ कहा है, जिन्होंने बिना किसी हथियार या प्रशिक्षण के भी अपने आप को खतरे में डालकर अनगिनत लोगों की जान बचाई। उनके परिवार ने भी मीडिया से कहा है कि “वह पूरी तरह से एक हीरो हैं।”

शोक और प्रतिक्रिया

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अलबानेसे सहित कई नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और देश भर में शोक की लहर है। लोगों ने आतंकवादी हमले को मानवता के खिलाफ एक घृणित कार्य करार दिया है।

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